Soul Spark

माँ आद्या

वो प्रेम ज्योत, जो बुझती नहीं
करुणा की स्त्रोत, जो रुकती नहीं!
वो है माँ आद्या
जना है जिसने समस्त शुद्धि को,
देती है जो हर रोग से मुक्ति को

वो आनंद की सनातन सी सृष्टि है,
शांति है स्वर्ग की, प्रेम की पवित्र दृष्टि है!
अनश्वर निराकारी, वो ज्यों आकार लेती है,
सिंह चढ़ हर बाल को, वो त्यों तार लेती है!

वो एक, जो तुम्हारा अंतर, रोज़ बुनती है,
वो एक, जो तुम्हारा मौन भी सुन लेती है
जिसकी रोशनी को सूरज, ये रोज़ लाता है,
जिसकी चाँदनी में चाँद, ये रोज़ नहाता है!

बनकर गुरु की रोशनी, वही तो आती है,
पकड़ हाथ गलत से सही की ओर ले जाती है
प्यारा तुम्हारा असत् वो तुमसे हर लेती है,
न्यारा तुम्हारा सत् वो तुम्हे धर देती है!

वो गुप्त है, कड़-कड़ को जोड़ती कड़ी है,
ले जाने तुम्हे “उस” पार कबसे खड़ी है!
चाहो तो सही, उसकी कृपा की एक नज़र,
परिशुद्ध हृदय की प्रार्थना, नहीं होती बेअसर,
हो जाओ ना समर्पित, करके अहंकार को लुप्त 
और भर लो उड़ान उस गगन में, जहाँ हो तुम सदा से मुक्त…


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4 Comments

  1. Beautiful lines of prayer and love… With true love, bhakti and surrendership, she blesses us all with Her Love and Grace, so does our Pratyaksh Sadguru – Sri Guru, who is truly Her image in midst of us all🙏🙏🙏💜💜💜🌸🌸🌸

  2. Heart warming expressions of our Sri Guru ji.
    I really wonder how lucky I am, rather extremely blessed, to have you as a guiding master in my life.
    Love you Sri Guru ji.

  3. Yes! Truly divine words; Mother is always there to protect, nurture and heal. Thanks for these wonderful words of explicit divinity, which show the LOVE of a Mother, our divine energy in us. Thanks to Sadguru Sri Gurudev for opening these channels of Love in us, which radiates from you to us, and in all directions… Vibrant and dancing in your glory O Divine mother!

  4. जय कृपालु श्री गुरु। इस दास का आपके चरण कमल में कोटि-कोटि वंदन, नमन। मां आद्यशक्ति का प्रेम गीलापन रक्षा जब अनुभव में आता है जब श्री गुरु अपने वचनामृत से मुद्रा से ध्यान संघ से प्रेम के पानी से इस फूटे हुए घड़े .तोड़कर फोड़कर पुनर्निर्माण करते हैं फिर प्रेम का पानी भरते हो फिर भक्ति – रूपी बीज डालते हो फिर हृदय में कंपन होता हैऔर अकम्प चित होता है है साहेब सुरता लगती हैफिर मां आदिशक्ति बरसती हैहमारी मां आद्या शक्ति श्री गुरु आप ही होऐसा में अनुभव से कहता हूं गुरुदेवगुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर – देवो महेश्वराय गुरुर साक्षात पार ब्रह्म तस्मे श्री गुरुवे नमः

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