ये (हमारी) अधिक-अधिक की इच्छा
ये (हमारी) और-और की महत्वकांक्षा
क्या दिला सकती है सुख निर्दोष?
या संतोष हमें सच्चा?
ये आकाश की अलिप्तता, पृथ्वी की विशालता
ये पर्वत, सूरज, नदी, हवा, जीवन की जीवंतता
क्या तुम्हारे अंतर को जगाती नहीं?
क्या तुम्हें विस्मय में ले जाती नहीं?
जहाँ हर अपूर्वता को तुमने साधारण मान लिया है
जहाँ कृपा को अपने पुरुषार्थ का फल जान लिया है
वहाँ निर्जीव इन यंत्रों से खुद को ऐसे जोड़ दिया है
कि अमूल्य मानवजीवन के उद्देश्य से मुख मोड़ लिया है!
क्यों है जीवन में केवल फरियाद और फरियाद?
क्या है इसका परिणाम सिवा दुःख, पीड़ा और विषाद?
चलो, आज एक नई शुरुआत करते हैं!
जीवन में धन्यवाद का शुद्ध भाव भरते हैं
और जीवन को प्राप्त होगी एक सम्यक दृष्टि
जिससे दिखेगी शांत और संतुलित यह सृष्टि…
चलो, आज एक नई शुरुआत करते हैं
जीवन में धन्यवाद का शुद्ध भाव भरते हैं
और फिर दूर नहीं निर्दोष सुख और संतोष सच्चा
और फिर दूर नहीं निर्दोष सुख और संतोष सच्चा…
तहेदिल से धन्यवाद श्री गुरु बार बार हमें उद्देश्य से जोड़ने के लिए।🙏♥️🪷
Most beautiful and profound words. Read many times. Thank-you Sri Guru.
धन्यवाद श्री गुरु,
हमारे भीतर भी धन्यवाद का शुद्ध भाव जगाने के लिए। आपकी बातों से अंतरिक्ष की अदृश्यता और पृथ्वी की महानता को महसूस करने का द्वार खुल गया है। धन्यवाद की भावना से, हम जीवन की सच्ची समृद्धि और संतोष को अनुभव करने के लिए अपनी नजरें खोल सकते हैं। यह नई शुरुआत हमें आत्म-संवाद और संतुलन कि दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है।
अहो उपकार श्री गुरु।
अहा! धन्यवाद श्री गुरु। हर बार जगाने के लिए। बार-बार याद दिलाने के लिए धन्यवाद!
खूबसूरत अभिव्यक्ति जो सिखाती है जीवंतता, जीने की सच्ची कला, धन्यवाद के भावों से भरना और श्रीगुरु की छत्रछाया में रहना है। धन्यवाद 🌸🌸🌸🙏🙏🙏💜💜💜
जब जीव के जीवन में किसी सद्गुरु का आगमन होता है, तो कम होती जाती है अधिक की इच्छा ,और की महत्वकांक्षा।जीवन में केवल धन्यवाद का ही भाव हर चीज के प्रति रहने लगता है ,जीव को सम्यक दृष्टि प्राप्त होती है ,जीवन निर्दोष सुख आनंद और संतोष से भर जाता है, ये केवल गुरु कृपा से ही हो सकता है।अहो उपकार अहो उपकार”श्री गुरु।”
So simple a message yet so profound
Jai Krupadu Prabhu!
So true!.. Thankyou SriGuru for making us feel Gratitude for our existence in human form and gratitude for entire creation around 🙏🏼
धन्यवाद श्री गुरु, हमारे भीतर भी धन्यवाद का शुद्ध भाव जगाने के लिए। आपकी बातों से अंतरिक्ष की अदृश्यता और पृथ्वी की महानता को महसूस करने का द्वार खुल गया है। धन्यवाद की भावना से, हम जीवन की सच्ची समृद्धि और संतोष को अनुभव करने के लिए अपनी नजरें खोल पा रहें हैं। यह नई शुरुआत हमें आत्म-संवाद और संतुलन की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही है।
अहो उपकार श्री गुरु!
धन्यवाद प्रभु आपका आप हमें बार-बार धन्यवाद करना सिखाते हैं, जिससे हमारे जीवन में इच्छाओं की कमी होने लग गई है। हमें हमेशा आपकी बात याद रहती है कि कोई कुछ भी छोटा सा कर दे हमारे लिए, तो हम धन्यवाद की भावना और अभिव्यक्ति से भर जाते है। इससे हमें बहुत संतुष्टि मिलती है, बहुत आनंद आता है। आपका बार-बार धन्यवाद! आप हमेशा हमारा हाथ पकड़े रखना।