MeditationSri Guru's Notes

मन की माँग है ध्यान (Meditation is What the Mind Desires)

 

मन — एक ऐसा शब्द है जिससे प्रत्येक व्यक्ति परिचित है। विचार, निर्णय, प्रतिक्रिया, स्मरण, भाव, चिंतन आदि मन के ही कार्य क्षेत्र हैं। कितनी ही बार हम कहते हैं कि आज हमारा मन खुश है तो कितनी ही बार कहते हैं कि आज हमारा मन दुखी है। यही मन कभी भारी होता है तो कभी हल्का, कभी उत्तेजित होता है तो कभी शांत। मन के इसी स्वभाव से थक कर मनुष्य अपने मन की माँग को समझने की कोशिश करता है और इस निष्कर्ष पर पहुँचता है कि मन को बस ऐसा कुछ चाहिए जो उसे सुखरूप प्रतीत होता हो।

ध्यान क्या है? | What is Meditation? 

सुख की खोज-यात्रा है ‘ध्यान’। वास्तव में कहें तो ध्यान मार्ग भी है और मंज़िल भी है। आरंभ में ध्यान हमारे मन का मार्ग होता है परंतु एक आंतरिक दशा के विकास होते ही ध्यान हमारे मन की दशा बन जाता है। मन की माँग न अच्छे की है और न ही बुरे की, मन तो बस सुख चाहता है, शांति चाहता है और इसी शांति की ओर कदम भरने में ‘ध्यान’ अत्यंत सहयोगी होता है। 

ध्यान की आरंभिक भूमिका में हम अपने मन को वर्तमान में लाते हैं और सदा सक्रिय मन को किसी कार्य में लगाते हैं। स्मरण रहे, मन का स्वरूप ही ऐसा है कि वह कभी भी खाली नहीं बैठ सकता। यह चुनाव हमारा होता है कि हम मन को कौन से कार्य में प्रवृत्त करें। ध्यान के क्षेत्र में मन को हम शरीर के स्तर पर लाते हैं और यहीं से शांति का अनुभव शुरू हो जाता है। 

ध्यान और वर्तमान | Meditation and the Present Moment

मनुष्य के मन की माँग सुख व शांति की है जो निश्चित रूप से एकदम सही है। परंतु भूत-भविष्य में भागता हुआ मन केवल कल्पनाओं से सुख और शांति प्राप्त कर रहा होता है। भूत और भविष्य दोनों ही ऐसे काल है जो वास्तविकता में कहीं अस्तित्व नहीं रखते हैं। और जो वास्तव में ही नहीं है वह हमें कैसे सुखी कर सकता है? मन जब ध्यान के माध्यम से शरीर अथवा श्वास के स्तर पर आता है तो कल्पनाओं से मुक्त हो जाता है जिसके परिणाम स्वरूप तत्-क्षण शांति का अनुभव करता है। यही शांति जब निरंतर अनुभव में आती है तो सुख-रूप हो जाती है। 

मन की माँग सुख और शांति की ही है जो बिल्कुल यथोचित है परंतु उसकी प्राप्ति के लिए जिस दिशा का चुनाव उसने किया है वह अनुचित है। मनुष्य को चाहिए कि स्वयं के मन की माँग को समझे, विचार करे और सही दिशा में अपनी माँग की आपूर्ति करे। अभी और यहीं इसके परिणाम अवश्य प्राप्त होते हैं।


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1 Comment

  1. I am 73year I don’t want to retire but I am trying to re adjust in remaining life

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