Soul Spark

एक छलांग

एक झील के पास हंसों का टोला रहता था। उस टोले के सभी हंस झील की गहराई से डरते थे। झील में उतरने से बेहतर वे मैला रहना पसंद करते थे। वहीं दूसरे किनारे रहता था एक सफेद दिव्य हंस, जो उसी झील में रोज़ डुबकी लगाता था। झील से डरने वाले मैले हंसों का टोला उस दिव्य हंस से भी दूर रहता था। किंतु टोले का एक युवा हंस उस दिव्य हंस की सफेदी के प्रति आकर्षित था।

एक बार जब वह युवा हंस अकेले झील पर गया तो दूसरे किनारे पर दिव्य हंस को झील में छलांग लगाते देखा और आह्लादित हो गया। दिव्य हंस ने युवा हंस को अत्यंत प्रेम से देखा और झील में उतरने की मीठी पुकार लगाई, जिससे प्रेरित होकर युवा हंस भी झील में कूद पड़ा! जल की तीव्र शीतलता ने उसे चौंका दिया। थोड़े समय डूबा, लेकिन फिर तैरने लगा और फिर तो झूमने भी लगा! जब वह दूसरे किनारे पहुँचा तो स्वयं को हूबहू उस दिव्य हंस सा सफेद, शुद्ध, ताज़गी से परिपूर्ण पाया! वह युवा हंस बोला, “काश मैंने यह छलांग पहले लगा दी होती!”

ईश्वर की कृपा से हमें भी सत् मार्ग की सक्षम झील और एक प्रत्यक्ष सदगुरु का समागम मिला है। फिर हम क्यों नहीं लगा पा रहे, एक छलांग..?


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12 Comments

  1. Thank you for showing the path of purity 🙏❤️
    We love you Sri Guru❤️❤️❤️

  2. Sri Guru it’s some divine blessing in this life on us to be a part of our SRM family . It’s actually your compassion and grace upon us 🙏🙏
    संग खेलु, संग डोलु ऐसा मेरा स्वरूप हो❤🙏
    We love you Sri Guru🙏🙏

  3. परम् आदरणीय श्री गुरु,

    इस कहानी ने सत् मार्ग की सक्षम झील के महत्व को सुंदरता से प्रस्तुत किया है। इससे हमें यह सीखने को मिलता है कि जब ईश्वर की कृपा होती है और सद्गुरु का मार्गदर्शन मिलता हैं, तो हम अपनी सीमाओं को पार कर सकते हैं और नई ऊँचाइयों को हासिल कर सकते हैं।

    धन्यवाद श्री गुरु,
    अहो उपकार प्रभु जी।

  4. Thank you, Sri Guru, for taking us to the ocean, teaching us to dive in with little risk.

  5. Very true in todays times its very difficult to find people who protect you guide you and we are blessed to be protected and guided by our Guru who has accepted us with all our dosh too. Thank you very much Sri Guru for always being my guiding force🙏🙏

  6. सच मे श्री गुरु, हम क्यों ही नही लगा पा रहें ऐसी डुबकी, यह प्रश्न बहुत गेहरा उतर गया यह कहानी पढ़कर। 🙏🏼

  7. I take a firm resolve, to spend my life, to live life as per Param Krupadu Gurudev ‘s Agna. Feel so blessed to have a living Master, who with so much Karuna bhaav, and Nishkaam Love is inviting us to walk on the eternal path, who is holding our hands to dive into the ocean, and dissolve in the ocean of Love.
    अहो आश्चर्य! अहो उपकार! अहो उपकार!! आपके चरण कमल में वंदन वारमवार। ❤🌷❤

  8. Thank You Sri Guru. आपने हमें यह रास्ता दिखाया है और अब हमारा पूरा प्रयास है इस रास्ते पर चलने का।

  9. जय कृपालु,
    यह बात बिल्कुल सत्य है कि ईश्वर की कृपा से हमें भी सत् मार्ग की एक झील और सद्गुरु का समागम मिला है, तो फिर हम छलांग क्यों नहीं लगा पाते?
    हमारे सद्गुरु से मिले ज्ञान से हमें यह तो समझ आ गया है कि सत्मार्ग की बाधाएँ क्या हैं, और स्वराज क्रिया के माध्यम से इन बाधाओं को हटाने का साहस भी प्रभु कृपा से आ रहा है। भीतर पड़े संस्कार इतने बलवान है कि बार-बार सिर उठाते है कभी व्यक्ति, वस्तु या परिस्थिति के रूप में तो कभी इनके प्रति आसक्ति, राग-द्वेष, आदि के रूप में।
    हमें छलांग लगाने से रोकती हैं हमारी मान्यताएँ, मलिन विचार,अहंकार और प्रेम रहित हृदय!
    झील भी तैयार है और सफेद दिव्य हंस भी प्रत्यक्ष है। श्री गुरु जी, आपके बल से हम भी मालिनता को त्यागने का पुरुषार्थ आपके मार्गदर्शन में कर पा रहें हैं। सब का मंगल हो।

  10. Nothing to comment, only realization of the presence of Living Guru 24×7 days in a week, and 365 days of the year.

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