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पहचान का नकाब

हम सभी अपने जीवन का अधिकतर भाग एक सामाजिक नकाब के पीछे गुज़ारते हैं जो हमारी असली पहचान को लुप्त कर देता है। दूसरों को अपनी वास्तविक पहचान दिखाने के बजाय, हम अपनी मान्यता के आधार पर एक ऐसे व्यक्ति की छवि गढ़ने में व्यस्त रहते हैं जिसकी अपेक्षा समाज हमसे रखता है। हम वही कहते हैं जो दूसरे सुनना चाहते हैं, वही कपड़े पहनते हैं जो दूसरे हमें पहनते देखना चाहते हैं, और दूसरों की अपेक्षा अनुसार ही कर्म भी करते हैं। क्या आपने कभी स्वयं से पूछा है – क्या आप वास्तविकता में एक मनुष्य हैं? या आप किसी पालतू जानवर या पौधे के समान अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं?

जो उचित हो, जो स्वयं को अच्छा लगे, जो सर्वप्रथम स्वयं को (और फिर दूसरों को) सुकून दे और निर्दोष सुख का अनुभव दे, ऐसा बोलें, ऐसे कपड़े पहनें, और ऐसे कर्म करें। इस प्रकार, आप उस जीवन का शुभारंभ करेंगे जिसे जीने के लिए ईश्वर ने आपका सृजन किया है। अथवा, यदि एक पौधा किसी पालतू जानवर का जीवन जीना चाहेगा, तो वह अपनी कल्पना से भी अधिक दुख का अनुभव करेगा। और इस व्यर्थ कामना में, वह निश्चित रूप से उस सुंदरता, उद्देश्य और विशिष्टता को खो देगा जो प्रकृति ने उसे अत्यंत प्रेम से प्रदान की है।


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4 Comments

  1. परम आदरणीय श्री गुरु

    आपने हमें सामाजिक नकाब से मुक्ति प्राप्त करने और अपनी असली पहचान को स्वीकार करने की महत्वपूर्णता शिक्षा दी है। आपके उदाहरण से हमें स्वयं को स्वीकृति और समर्पण के साथ जीने का साहस मिल रहा है। आपके मार्गदर्शन में ही हम अपने सत्य को पहचानते हैं और सच्चे स्वरूप में जीने की कला सीखते हैं।

    आपकी शिक्षा से हमें स्वयं को दूसरों की अपेक्षा से नहीं, बल्कि अपने वास्तविक स्वरूप से समझने का साहस मिला है। हम आपके आदर्शों का आधार लेकर अब सही कार्रवाई करने के लिए प्रेरित हैं और आपकी शिक्षा का आभास है कि हम सही राह पर चल रहे हैं।

    संवेदन रीट्रिट में हम आपके साथ बिताए गए समय के लिए कृतज्ञ हैं और आपके बिना हम इस सुदृढ़ सामाजिक जीवन की सीढ़ियों को चढ़ने में सक्षम नहीं होते। अहो उपकार श्री गुरु, अपने इर्दगिर्द आपका आभास हमारे जीवन का अद्वितीय आशीर्वाद है।

  2. જય કૃપાળુ પ્રભુ.
    આપ નો ખુબ ખુબ આભાર શ્રી ગુરુ
    આજ સુધી સમાજ ને ધ્યાન માં રાખી ને જ જીવ્યા અને તોપણ ખબર નહતી કે હું જે રીતે જીવું છું એ ખોટી રીત છે.
    આપના દ્વારા જ સમજ પડી કે કેવી રીતે જીવન જીવવું જોઈએ
    અહો ઉપકાર સદગુરુ, અહો ઉપકાર 🙏🙏🙏
    Love you Sri Guru💕

  3. मनुष्य को सरल व सहज जीवन जीना चाहिए। कोई दिखावा नहीं होना चाहिए। सादा जीवन और प्रेमपूर्ण व्यवहार हो, अपना और सबका मंगल हो यही कामना हो।

  4. हमारे जीवन की वास्तविकता का नकाब दिखाकर हमें निर्दोष जीवन में ले जाने के लिए तहेदिल से शुक्रिया।
    अहो उपकार श्री गुरु, अहो उपकार! 🙏♥️🪷

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