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प्रचुरता का आधार

अभाव और असंतोष की उन दीवारों को तोड़ दें जो आपको इस संसार की हर वस्तु की इच्छा कराती हैं। कैसे? कृतज्ञता के अनुभव से! यह एकमात्र कदम है जो आपको उठाना है – बाकी सब कुछ इसी पहले कदम के अनुसार घटित होगा।

कृतज्ञता का अनुभव ही जीवन में प्रचुरता का आधार है। यह ब्रह्मांड हमें वो नहीं देता जो हम माँगते हैं, बल्कि वैसा देता है जैसा हम अनुभव करते हैं। यह एक सार्वभौमिक नियम है कि धन्यता के अनुभव से और अधिक धन्य पल मिलते हैं, और दुख के अनुभव से और अधिक पीड़ा मिलती है। इसलिए, विवेक से चुनें क्योंकि ब्रह्मांड बुद्धि से नहीं, हृदय के माध्यम से लौटाने के सिद्धांत पर कार्य करता है।

और जब आप अपने शाश्वत स्वरूप में लौटने के मार्ग पर अग्रसर हैं, तब तो विशेष रूप से कृतज्ञ महसूस करना आरंभ करें। यह पहला कदम ही दिन-ब-दिन मंज़िल को करीब लाता जाएगा!


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5 Comments

  1. Jai Krupadu Sri Guru🙏
    1.Thank you
    2.Feeling of abundance
    3.Returning to society
    Thank you so much Sri Guru for teaching us what and how to do💜💜💜🙏🙏🙏

    1. “Thank you, thank you so much SRI Guru Ji 🙏 🌹 🌹 for being a blissful loving presence in my life
      Thank you SRI Guru Ji 🙏🌹❤️ for everflowing abundance in life
      Thank you SRI Guru Ji 🙏🌹❤️ for bringing me closer to myself every moment
      Love you Always 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹❤️ Sukhrana tera Guruvar 🌹🌹🌹🌹
      ❤️ Sukhrana tera Guruvar🌹🌹🌹🌹
      ❤️Sukhrana tera Guruvar 🌹🌹🌹🌹”

  2. Thank you Sri Guru for your blessings. Love you Sri Guru.

    Thank you Sri Guru for always being with me. Love you Sri Guru.

    अहो उपकार भगवान!
    अहो उपकार भगवान!

  3. कृतज्ञता देव-गुरु-धर्म के प्रति, हमारे अंदर संतोष और हमें आनंद से भरती है। और ये कृतज्ञता गुरु से जीव, जगत और जगदीश के स्वरूप को समझ के ही आती है।

  4. Many to one
    One to none
    None to all

    Thank you Sri Guru 🙏♥️🪷

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