Shrimad Rajchandra
शिक्षापाठ 52: ज्ञानियों ने वैराग्य का बोध क्यों दिया? (Mokshmala)
श्रीमद् जी लिखते है… संसार के स्वरूप के संबंध में पहले कुछ कहा गया है ...